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भोलेनाथ का एक दम नया भजन हैं *जय हो भोलेनाथ की, जय शिवशंकर महादेव** चलिए साथ गाते है

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 यहाँ आपके लिए शिव जी का एक नया भजन है: --- **जय हो भोलेनाथ की, जय शिवशंकर महादेव**   **तू ही तो है हर कण में, तू ही तो है हर हृदय।**   भोले की महिमा अपरंपार,   हर दिल में उनका प्यार।   सांसों में तेरी गूंज,   हे त्रिपुरारी, हे कैलाश के अधिपति,   तू ही हमारा आधार।   **जय हो भोलेनाथ की, जय शिवशंकर महादेव**   **तू ही तो है हर कण में, तू ही तो है हर हृदय।**   ओंकार की धुन में बसी,   शिव की शक्ति अद्भुत हंसी।   वह नीलकंठ विष को पीते,   संसार के दुख हर लेते।   **जय हो गंगाधर की, जय हो कैलाशपति**   **तू ही तो है सबके मीत, तू ही सबका हित।**   चंद्रमा का मुकुट सजाए,   सर्पों का हार वह धारे।   सदा संतों के संग में,   वो भोलेनाथ, सबके अंग में।   **जय हो शिवाय की, जय हो महादेव की,**   **तेरी आराधना से मिलती, हर एक को संजीवनी।**   --- **यह भजन शिव जी की महिमा का गुणगान करता है और भक्तों के मन में नई ऊर्जा भरने का आह्वान करता है।

श्रीमद् भगवद् गीता का रहस्य क्या है? भगवद् गीता का सार क्या है?

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 *भगवद गीता का सार** संपूर्ण जीवन के मार्गदर्शन और आत्मज्ञान पर आधारित है। इसमें श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जीवन के रहस्यों, धर्म और कर्म का ज्ञान दिया। इसका मुख्य उद्देश्य मानव को सही जीवन मार्ग पर चलने की प्रेरणा देना है। गीता के सार को निम्नलिखित बिंदुओं में समझा जा सकता है: ### 1. **कर्मयोग**:    - **कर्म करना हमारा धर्म है**: गीता का सबसे महत्वपूर्ण संदेश है कि मनुष्य को अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए और परिणाम की चिंता नहीं करनी चाहिए।    - *"कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन"*      (कर्म पर तुम्हारा अधिकार है, लेकिन उसके फल पर नहीं।) ### 2. **आत्मा अमर है**:    - **शरीर नश्वर है, आत्मा अमर**: शरीर नष्ट होता है, लेकिन आत्मा अजर और अमर है। आत्मा का न जन्म है और न मृत्यु।    - *"न जायते म्रियते वा कदाचिन्"*      (आत्मा का न जन्म होता है, न मृत्यु।) ### 3. **भक्ति योग**:    - **ईश्वर में पूर्ण समर्पण**: भगवान श्रीकृष्ण ने कहा कि सब धर्मों को छोड़कर मेरी शरण में आओ, मैं तुम्हें सारे पापों से मुक्त कर दूँगा।    - *"सर्व धर्मान् परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज"

आप Universe से Connect हो चुके हैं। 5 Strong Sign You are Allligned

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  Universe को आकर्षित करने के लिए और जो आप चाहते हैं, उसे पाने के लिए कुछ खास मानसिक और आत्मिक तरीकों का पालन किया जा सकता है। इन्हें *Law of Attraction* के सिद्धांत के रूप में जाना जाता है। यह कुछ प्रमुख चरणों पर आधारित होता है: # ## 1. **स्पष्ट इरादे सेट करें (Set Clear Intentions)**    - सबसे पहले, आपको यह जानना होगा कि आप क्या चाहते हैं। अपनी इच्छा को स्पष्ट रूप से परिभाषित करें। जैसे, एक स्पष्ट लक्ष्य रखें, चाहे वह संबंधों, धन, या किसी अन्य चीज से संबंधित हो।    - यह ध्यान रखें कि आपकी इच्छा सकारात्मक होनी चाहिए और किसी का नुकसान न हो। ### 2. **विश्वास करें (Believe)**    - जब आप अपनी इच्छाओं को Universe में भेजते हैं, तो आपको यह विश्वास होना चाहिए कि Universe उसे पूरा करेगा। यह विश्वास सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि आपका नकारात्मक दृष्टिकोण आपकी इच्छा को बाधित कर सकता है। ### 3. **सकारात्मक भावनाओं को महसूस करें (Feel Positive Emotions)**    - यह मानें कि आप पहले से ही अपनी इच्छा को प्राप्त कर चुके हैं। उस खुशी और संतोष को महसूस करें। सकारात्मक भावनाएं Universe की ऊर्जा को आपकी ओर खी

नवरात्री के लिए शेरा वाली का एक दम नया भजन । जय मां शेरा वाली

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--- **जय माता शेरावाली**   (नया  भजन) जय माता शेरावाली,   तेरा दरबार है निराला।   तेरी मूरत प्यारी लागे,   सजा है फूलों का माला।   जय माता शेरावाली,   तेरा दरबार है निराला।। शेर पे सवार हो माता,   रखती है तू हमको बचाकर,   तेरे चरणों में आके,   मिलती है दुनिया से राहत।   जय माता शेरावाली,   तेरा दरबार है निराला।। चुनरी ओढ़ी लाल रंग की,   माथे पर सोहे तिलक।   भक्त तेरे गीत गाते,   तेरा आशीष हो नेक।   जय माता शेरावाली,   तेरा दरबार है निराला।। तेरी महिमा है अपरंपार,   सारी दुनिया करे पुकार।   भक्तों के संकट हरती,   माँ तू है सबसे महान।   जय माता शेरावाली,   तेरा दरबार है निराला।। -

यहां राम जी के लिए एक नया हिंदी भजन प्रस्तुत है:

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**शीर्षक: "राम नाम की महिमा"** **प्रारंभ (कोरस):**   राम नाम की महिमा गाओ,   मन में राम बसाओ,   राम-राम कहे जो सच्चे दिल से,   उसका जीवन सुधर जाए। **अंतरा 1:**   राम का नाम है जीवन की नैया,   पार कराए ये भवसागर की मैया,   ध्यान धरें जो प्रभु श्रीराम का,   उसका दुख सारा मिट जाए। *कोरस:*   राम नाम की महिमा गाओ,   मन में राम बसाओ,   राम-राम कहे जो सच्चे दिल से,   उसका जीवन सुधर जाए। **अंतरा 2:**   सिया संग राम की जोड़ी है प्यारी,   दास हनुमान की भक्ति है न्यारी,   जो भी शरण में राम की आए,   उसकी रक्षा प्रभु खुद करें। *कोरस:*   राम नाम की महिमा गाओ,   मन में राम बसाओ,   राम-राम कहे जो सच्चे दिल से,   उसका जीवन सुधर जाए। **अंतरा 3:**   अयोध्या के राजा, मर्यादा पुरुषोत्तम,   धर्म की राह पे चलना सिखाएं,   जो भी करे राम जी का ध्यान,   उसका भव सागर तर जाए। *कोरस:*   राम नाम की महिमा गाओ,   मन में राम बसाओ,   राम-राम कहे जो सच्चे दिल से,   उसका जीवन सुधर जाए।  --- आप इसे अपनी पसंद के सुर और ताल में गा सकते है

राम आएंगे तो, अंगना सजाऊंगी (Ram Aayenge to Angana Sajaungi Lyrics)

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  राम आएंगे तो, अंगना सजाऊंगी Ram Bhajan Lyrics राम के इन भजनों को गाएं। राम आएंगे तो, अंगना सजाऊंगी (Ram Aayenge to Angana Sajaungi Lyrics) मेरी झोपड़ी के भाग,आज जाग जाएंगे, राम आएँगे, राम आएँगे आएँगे,राम आएँगे, मेरी झोपडी के भाग,आज जाग जाएंगे, राम आएँगे ॥ राम आएँगे तो,आंगना सजाऊँगी, दिप जलाके,दिवाली मनाऊँगी, मेरे जन्मो के सारे,पाप मिट जाएंगे, राम आएँगे, मेरी झोपडी के भाग,आज जाग जाएंगे, राम आएँगे ॥ राम झूलेंगे तो,पालना झुलाऊँगी, मीठे मीठे मैं,भजन सुनाऊँगी, मेरी जिंदगी के,सारे दुःख मिट जाएँगे, राम आएँगे, मेरी झोपडी के भाग,आज जाग जाएंगे, राम आएँगे ॥ मेरा जनम सफल,हो जाएगा, तन झूमेगा और,मन गीत गाएगा, राम सुन्दर मेरी,किस्मत चमकाएंगे, राम आएँगे, मेरी झोपडी के भाग,आज जाग जाएंगे, राम आएँगे ॥

सिद्धी विनायक मंदिर दर्शन के लिए जा रहे हैं तो चलिए जानते है वहा की संपूर्ण जानकारी

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  Siddhivinayak Temple Darshan:  मुम्बई में स्थित भगवान गणेश का सिद्धी विनायक मंदिर देशभर में खासा लोकप्रिय है. यह मंदिर एक प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर है. गणपति बप्पा के दर्शन के लिए काफी तादाद में लोग यहां पर आते हैं. सिद्धिविनायक भगवान गणेश का सबसे लोकप्रिय रूप है, जिसमें भगवान गणेश की सूंड दाईं तरफ मुड़ी होती है. जानकारी के मुताबिक, गणेश जी की ऐसी प्रतिमा वाले मंदिर सिद्धपीठ कहलाते हैं. जिसकी वजह से इन मदिरों को सिद्धिविनायक कहा जाता है. विनायक भगवान गणेश का एक नाम है. ऐसा कहा जा रहा है कि इस मंदिर का निर्माण 19 नवंबर 1801 को हुआ था. मंदिर की मान्यता की वजह से यहां दर्शन करने के लिए दूर-दराज से लोग आते हैं.  सिद्धी विनायक मंदिर में दर्शन के लिए आप आसानी से नहीं जा सकते. अगर आप मंदिर में दर्शन करने के लिए जा रहे हैं तो कुछ जरूर बातों को जान लेना आवश्यक है, नहीं तो आपको परेशानी उठानी पड़ सकती है. जिनकी ऑनलाइन बुकिंग होगी वे क्यूआर कोड की मदद से सिद्धि विनायक मंदिर में दर्शन कर पाएंगे. जो प्री बुकिंग किए रहेंगे उन्हीं को मंदिर में प्रवेश मिलेगा. प्री बुकिंग, मंदिर ट्रस्ट के एप पर क्यूआर कोड

मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग दर्शन करना चाहते है आप , तो जानिए यहां तक कैसे पहुंचे ?

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  मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग भारत अपने ऐतिहासिक मंदिरों और संस्कृति के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। मल्लिकार्जुन मंदिर आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में स्थित है। मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग आंध्र प्रदेश में कृष्णा नदी के तट पर श्रीशैल पर्वत पर स्थित है। यह भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह भारत के महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक है। ऐसे में अगर आप भी मल्लिकार्जुन मंदिर जाने का प्लान बना रहे हैं तो आज हम आपको इस आर्टिकल की मदद से बताएंगे कि आप यहां कैसे पहुंच सकते हैं और मंदिर खुलने का समय, आसपास घूमने की जगहें भी बताएंगे। मल्लिकार्जुन मंदिर के खुलने का सही समय मंदिर खुलने का समय – मंदिर सुबह 4:30 बजे खुलता है। मंदिर बंद होने का समय – मंदिर रात 10:00 बजे बंद हो जाता है। मंदिर में प्रवेश – निःशुल्क। मल्लिकार्जुन मंदिर के आसपास घूमने की जगहें मल्लिकार्जुन मंदिर के आसपास घूमने की जगह मल्लिकार्जुन मंदिर के आसपास घूमने के लिए कई जगहें हैं, जिनमें शिखरेश्वरम, फलाधार पंचधारा, साक्षी गणपति, हाटकेश्वरम, अक्कमहादेवी गुफाएं आदि शामिल हैं। अगर आप यहां आएं तो इन जगहों पर घूम सकते है

उज्‍जैन के महाकाल दर्शन करने जाना चाहते हैं। तो चलिए जानते है कैसे जाना है और कब जाना चाहिए ।

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  महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महाकाल लोक का लोकार्पण किया था। महाकाल लोक से होता हुआ महाकाल मंदिर का रास्ता बनाया गया है। पहले मंदिर का प्रवेश द्वार मंदिर के सामने से था। महाकाल लोक बनने से अब लोग महाकाल लोक होते हुए मंदिर में प्रवेश करते हैं। लगभग 1 किलोमीटर लंबे बने महाकाल लोक में भगवान शंकर की कई ऐसी मूर्तियां हैं, जो उनकी गाथा पर आधारित हैं।   उज्जैन में शिप्रा नदी किनारे बसा शहर उज्जैन, जिसे बाबा महाकाल की नगरी कहा जाता है। यहां सम्राट विक्रमादित्य भी हुए हैं। महाकवि कालिदास ने भी शिप्रा तट उज्जैन में ही कई साहित्य की रचनाएं की। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से 180 किलोमीटर दूर और महानगर इंदौर से 60 किलोमीटर दूर बसा है उज्जैन। स्कन्दपुराण के अवंति खंड में उज्जैन का विस्तृत वर्णन है। इसके अलावा अन्य कई पुराणों में उज्जैन का जिक्र किया गया है। वर्तमान में यह नगरी उज्जैन नाम से प्रसिद्ध है, परंतु विभिन्न कालखंड में यह अवंति, विशाला, पुष्पकरंडिनी, पद्मावती, कुमुद्वती, कनकशृंगा, कुशस्थली, अमरावती, हिरण्यव

बगलामुखी मंदिर, बनखंडी, हिमाचल प्रदेश आप भी जाना चाहते है तो चलिए जानते है सम्पूर्ण जानकारी।

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  बगलामुखी मंदिर: बगलामुखी मंदिर,बनखंडी, हिमाचल प्रदेश है। यह मंदिर बहुत है चमत्कारी मंदिर है ।यहां पर दर्शन करने के लिए दूर से दूर लोग आते है । बगलामुखी मंदिर, बनखंडी भारत के हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित है । यह हिंदू धर्म की देवी बगलामुखी को समर्पित है , जो दस महाविद्याओं में से एक हैं। उनका संबंध पीले रंग से है । [ 1 ] उन्हें पीतांबरा भी कहा जाता है। वह स्वर्ण सिंहासन पर विराजमान हैं, जिसके खंभे विभिन्न रत्नों से सजे हैं और उनकी तीन आंखें हैं, जो इस बात का प्रतीक हैं कि वह भक्त को परम ज्ञान प्रदान कर सकती हैं। Maa Baglamukhi Devi Mandir : मां बगलामुखी का हिंदू पौराणिक कथाओं में दस महाविद्याओं में आठवां स्थान है। मां की उत्पत्ति ब्रह्मा की आराधना करने के बाद हुई थी। ऐसी मान्यता है कि सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा का ग्रंथ एक राक्षस ने चुरा लिया और पाताल में छिप गया। उसे वरदान प्राप्त था कि पानी में मानव और देवता उसे नहीं मार सकते। ऐसे में ब्रह्मा ने मां भगवती का जाप किया। इससे बगलामुखी की उत्पत्ति हुई। मां ने बगुला का रूप धारण कर उस राक्षस का वध किया और बह्मा को उनका ग्रंथ ल