मेहंदीपुर बालाजी की संपूर्ण जानकारी
मेहंदीपुर बालाजी
नमस्कार नमस्कार दोस्तों आप लोग भी अगर आप लोग भी मेहंदीपुर बालाजी जाने का सोच रहे हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है जो कि वहां जाने से लेकर उसकी इतिहास की सारी जानकारी आपको इस आर्टिकल के माध्यम से में प्रदान कर रही हूं आशा करती हूं आप सभी को पसंद आएगा चलिए आगे बढ़ते हैं अपने आर्टिकल मैं
दोस्तों जैसा कि आप जानते हैं मेहंदीपुर बालाजी मंदिर बहुत प्रसिद्ध मंदिर है| यह मंदिर राजस्थान के दौसा जिले में स्थित है| जहां पर हर दिन देश विदेश के हजारों लाखों श्रद्धालु दर्शन करने जाते हैं| ऐसा माना जाता है कि जिस व्यक्ति के ऊपर प्रेत भूत आत्मा का साया होता है| उस व्यक्ति को जरूर Mehandipur Balaji Mandir (राजस्थान) का दर्शन करना चाहिए| अगर आप भी मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के बारे में पूरी जानकारी पाना चाहते हैं, तो इस आर्टिकल को ध्यानपूर्वक पढ़िएगा|
क्योंकि आज के इस आर्टिकल में हम मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के बारे में सभी जानकारी जैसे : मेहंदीपुर बालाजी मंदिर कैसे जाएं, मेहंदीपुर बालाजी मंदिर कब जाना चाहिए, मेहंदीपुर कौन से जिले में आता है, मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में अर्जी कैसे लगाएं, बालाजी मंदिर से लौटने के बाद क्या-क्या खाना चाहिए, मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में प्रसाद क्या चढ़ाया जाता है, आरती कब होती है आदि जानकारी इस आर्टिकल में बताया जायेगा|
1.Mehandipur Balaji Mandir का इतिहास
2.मेहंदीपुर बालाजी मंदिर की बनावट
3.मेहंदीपुर बालाजी कब जाना चाहिए
4.Mehandipur Balaji Mandir जाने से पहले जरूरी तैयारी
5.मेहंदीपुर बालाजी मंदिर जाने का रास्ता
6.मेहंदीपुर बालाजी पहुंचने के बाद रहने और 7.खाने की व्यवस्था
8.मेहंदीपुर बालाजी अर्जी लगाने का तरीका
9.मेहंदीपुर बालाजी के दर्शन कैसे करें?
10.Mehandipur Balaji Mandir के 11.आसपास घूमने वाली जगह
12.मेहंदीपुर बालाजी मंदिर से वापस आते समय जरूरी बातें
13.Mehandipur Balaji Mandir (FAQ)
14.निष्कर्ष
Mehandipur Balaji Mandir का इतिहास
आज से 1000 साल पहले मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के स्थान पर बेहद घनी झाड़ियां बसी हुई थी| जहां पर जंगली जानवरों का निवास था| लेकिन एक दिन श्री महंत जी महाराज को सपना आया और वे स्वप्न में उठे और चल पड़े, कहां जा रहे हैं उन्हें पता नहीं| तभी अचानक उन्होंने देखा एक और से हजारों दीपक चलते आ रहे हैं, इसके साथ-साथ हाथी घोड़ों की आवाज आ रही थी| और एक बहुत लंबी फौज चली आ रही थी| उस फौज ने महाराज बालाजी मंदिर की मूर्ति की तीन प्रदक्षिणाएं की, इसके बाद वापस चली गई|
यह देखकर महंत जी को आश्चर्य भी हुआ और डर भी लगने लगा, वे अपने गांव चले आए| और जब सो गए तो रात में उन्हें स्वप्न में तीन मूर्तियां दिखाई दी| महंत जी के कानों में आवाज आई, उठो और मेरे सेवा का भार संभालो| लेकिन महंत जी समझ नहीं पाए यह कौन कह रहा है| इसके बाद हनुमान जी ने स्वप्न में उन्हें अपना रूप दिखाया और पूजा का आग्रह किया| फिर क्या इसके बाद महंत जी ने अपने सपने की कहानी गांव वालों को बताया और गांव वालों की मदद से उस स्थान पर खुदाई की गई तो वहां से महाराज बालाजी की मूर्ति प्रकट हुई| जिसके बाद आगे जाकर यही स्थान Mehandipur Balaji Mandir के नाम से जाना जाने लगा|
मुस्लिम शासन काल में कुछ बादशाहो ने इस बालाजी मूर्ति को नष्ट करने की सोची, बालाजी महाराज मूर्ति को उखाड़कर फेंकना चाहते थे| लेकिन अफसोस मूर्ति की खुदाई के लिए जितना अधिक जमीन खोदी जाती उतना ही मूर्ति का जड़ गहरा होता जाता| मूर्ति की जड़ कितनी गहरी है यह पता मुस्लिम बादशाह नहीं लगा पाए| और अंत में भगवान बालाजी महाराज का मूर्ति वहां से फेंकने का विचार छोड़ दिया|
इसके बाद सन् 1910 में बालाजी महाराज ने स्वता अपने सैकड़ों वर्ष पुराने चोला का त्याग कर दिया| इस चोले को लेकर श्रद्धालु मंडावर रेलवे स्टेशन पहुंचे, क्योंकि इस चोले को ले जाकर गंगा में प्रवाहित करना था| यहां पर भी घटी एक घटना प्रसिद्ध है, उस समय ब्रिटिश स्टेशन मास्टर ने चोले को निशुल्क ले जाने के लिए रोक लिया| और उसका लगेज करने लगे| लेकिन महाराज बालाजी की महिमा चोला कभी ज्यादा भारी दिखाई देता, तो कभी कम भारी दिखाई देगा|
इसलिए ब्रिटिश स्टेशन मास्टर द्वारा चोला का लगेज शुल्क वसूलना मुश्किल हो गया| और उन्हें विवश होकर निशुल्क चोले को जाने देना पड़ा| इसके बाद छत्तीसगढ़ कुछ चोली को ले जाकर गंगा नदी में प्रवाहित करते हैं और महाराज बालाजी को नया चौड़ा चढ़ाया जाता है|
Mehandipur Balaji Mandir पूरे विश्व में भूत प्रेत ऊपरी बाधाओं के निवारण के लिए विख्यात है| तंत्र मंत्र ऊपरी भूत प्रेत बाधाओं से ग्रसित व्यक्ति बालाजी महाराज का दर्शन करने के बाद बिना दवा के स्वस्थ होकर खुशी-खुशी घर लौटते हैं| मेहंदीपुर बालाजी आने के बाद आपको तीनों देवगणों को प्रसाद चढ़ाना चाहिए| बालाजी को लड्डू का प्रसाद, प्रेतराज सरकार को चावल का प्रसाद, कोतवाल कप्तान भैरव जी को उड़द का प्रसाद चढ़ाना
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर भगवान हनुमान जी का मंदिर है, यह मंदिर भारत के राजस्थान के दौसा जिले में स्थित है| भगवान बालाजी को हनुमान जी के नाम से भी जाना जाता है| मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में स्थापित बालाजी मूर्ति में बाई छाती पर एक छेद है, जिनमें से हमेशा पानी की धार बहती रहती है| इस पानी को एक टैंक में इकट्ठा करके भगवान बालाजी के चरणों में अर्पित करने के बाद इसे श्रद्धालुओं में प्रसाद के तौर पर वितरित किया जाता है|
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर की बनावट
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर की बनावत राजपूत वास्तुकला से पूरी तरह से प्रभावित है| मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में चार प्रांगन है, पहले दो में भैरव बाबा की मूर्ति और बालाजी महाराज की मूर्ति स्थापित की गई है| इसके अलावा तीसरे और चौथे प्रांगण में प्रेतराज की मूर्ति स्थापित की गई है| जिन व्यक्तियों के ऊपर दुष्ट आत्माओं का साया रहता है, वे यहां पूजा करते हैं| इस मंदिर का वास्तु कला दृष्टि इस मंदिर की शोभा को और बढ़ा देती है| हर दिन यहां हजारों लोग मेहंदीपुर बालाजी का दर्शन करने आते रहते हैं|
मेहंदीपुर बालाजी कब जाना चाहिए
Mehandipur Balaji Mandir श्रद्धालुओं के लिए साल के 12 महीने खुले रहते हैं| कोई भी भक्तगण कभी भी किसी भी समय मेहंदीपुर बालाजी का दर्शन करने जा सकता है| अगर हम अपनी बात करें, तो मैं अगस्त के महीने में गया था| यानी बरसात के मौसम में, इस मौसम में ना तो ज्यादा ठंडी होती है ना ही गर्मी| बल्कि बरसात के मौसम में चारों तरफ मौसम सुहावना होता है|
अगर मेरी माने तो बरसात के मौसम में ही मेहंदीपुर बालाजी मंदिर जरूर जाना चाहिए| क्योंकि गर्मी के मौसम में अत्यधिक गर्मी के कारण आप परेशान हो जाएंगे| और ठंडी के मौसम में ठंड के कारण आपको दर्शन करने में काफी परेशानी होगी| इसलिए बरसात के मौसम में जाएं, हल्के हल्के बारिश में भीग कर बाबा मेहंदीपुर बालाजी का दर्शन करना अत्यंत आनंद पूर्ण होता है|
इसके अलावा जब आप बालाजी का दर्शन करने के बाद पहाड़ पर भैरव बाबा का दर्शन करने जाते हैं वहां से बरसात के मौसम में पहाड़ों से जो नजारा देखने को मिलता है वह अद्भुत होता है| हल्की हल्की बारिश में मेहंदीपुर बालाजी का दर्शन करना सच में बहुत ही आनंददायी होता है|
Mehandipur Balaji Mandir जाने से पहले जरूरी तैयारी
अगर आप मेहंदीपुर बालाजी मंदिर जाने की सोच रहे हैं तो जाने से पहले कुछ आवश्यक तैयारी आपको कर लेनी चाहिए जो इस प्रकार है| क्योंकि अगर आप इसके बिना भगवान बालाजी का दर्शन करने जाते हैं, तो आपका दर्शन करना व्यर्थ जाएगा|
जिस तारीख को आप जाना चाहते हैं उस तारीख से लगभग 10 दिन पहले से आपको प्याज और लहसुन खाना बंद कर देना है|
इसके अलावा 10 दिन लगातार नहा धोकर हनुमान जी की पूजा (हनुमान चालीसा) करनी है|
जाने से 1 दिन पहले आपको एक सूखा नारियल, डेढ़ मीटर लाल कपड़ा, मिर्च, लौग, अक्षत यानि खड़ा चावल, घर के चारों कोने की मिट्टी और 21 रुपया ले लेना है|
लाल कपड़े में इन सभी चीजों को बांध देना चाहिए, यहां पर आप को ध्यान देना चाहिए, बांधते समय लाल कपड़े में केवल 3 गांठ मारें|
इसके बाद परिवार का जो जो सदस्य मेहंदी बालाजी जा रहा है उन सभी के सिरों को एक बार में एक साथ 21 बार इस लाल कपड़े में बंधे वस्तु को घुमा लेना चाहिए| इसके बाद इसे खूंटी में टांग देना चाहिए|
इसके अगले दिन जब आप सुबह उठे तो नहा धोकर परिवार के जो सदस्य मेहंदी बालाजी मंदिर जाना चाहते हैं, एक साथ पूजा करें, पूजा करने के बाद इस लाल गट्ठर को फिर से सभी सिर को मिलाकर एक बार में 21 बार घुमा ले, और तुरंत घर से बाहर निकल जाएं|
एक बार जब घर से बाहर निकल जाएं दोबारा ना घर लौट कर आए और ना घर की तरफ मुड़ कर देखें|
इसके अलावा अगर आप Mehandipur Balaji Mandir दर्शन करने जा रहे हैं तो कम से कम 2-3 सेट कपड़े लेकर जरूर जाए, इसके अलावा रास्ते में खाने का भोजन अवश्य लेकर जाए| क्योंकि रास्ते में आपको जो भोजन मिलेगा, उसमें प्याज लहसुन मिला होगा| प्याज और लहसुन वाला भोजन आपको खाना नहीं है|
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर जाने का रास्ता
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर आप बस द्वारा, ट्रेन द्वारा, हवाई जहाज द्वारा जा सकते हैं| लेकिन ज्यादातर यात्री रेलवे द्वारा मेहंदीपुर बालाजी मंदिर जाते हैं| अगर हम अपनी बात करें तो हम भी मेहंदीपुर बालाजी मंदिर ट्रेन के द्वारा गए थे| मैंने शाहगंज रेलवे स्टेशन से सीधे बांदीकुई रेलवे स्टेशन (राजस्थान) का टिकट निकाला था| वहां तक टिकट निकालने का मेरा लगभग ₹400 स्लीपर का खर्च आया था| शाहगंज से Mehandipur Balaji Mandir जाने वाली ट्रेन मरुधर एक्सप्रेस है|
इस प्रकार अगर आप भारत के किसी भी कोने से हो, और ट्रेन के द्वारा मेहंदी बालाजी मंदिर जाने की सोच रहे हैं| तो आपको बांदीकुई रेलवे स्टेशन राजस्थान का टिकट कटाना होगा| बांदीकुई रेलवे स्टेशन से मेहंदीपुर बालाजी मंदिर की दूरी 36 किलोमीटर है| जब बांदीकुई रेलवे स्टेशन से बाहर आएंगे तो वहीं पर आपको टेंपो/फोर व्हीलर वाहन मिल जाएंगे| जो आपको मेहंदीपुर बालाजी मंदिर पहुंचा देंगे|
मेहंदीपुर बालाजी पहुंचने के बाद रहने और खाने की व्यवस्था
अगर हम अपनी बात करें तो हम ट्रेन द्वारा 11:00 बजे के आसपास बांदीकुई रेलवे स्टेशन पहुंच गए थे| इसके बाद फोर व्हीलर वाहन बुक करके मेहंदीपुर बालाजी मंदिर 12:30 के करीब पहुंच गई थें| मेहंदीपुर बालाजी धाम आने के बाद आपको रहने की व्यवस्था के बारे में ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है|
क्योंकि यहां श्रद्धालुओं के रुकने के लिए बहुत से धर्मशाला और होटल में कमरे बने हुए हैं| यहां आते ही लोग खुद आपके पास आते हैं और कमरे के बारे में बताने लगते है| आपको जाकर रहने के लिए कमरा देख लेना है| तो यहां पर कमरे में रहने के लिए को पाबंदी नहीं है, आप अपनी सुविधानुसार चाहे जितने लोग एक ही कमरे में रुक सकते हो|
Mehandipur Balaji Mandir पर एक रात के लिए एक कमरे की कीमत लगभग ₹500 होती है| कमरे के अंदर आपको पंखा, लाइट, अटैच लेट्रिन बाथरूम दिया जाता है| इसके अलावा कमरे में एक बड़ी सी बेड होती है जिस पर गद्दा बिछा होता है| इसके अलावा 2-3 तकिया भी रखा होता है जिस पर आप आराम से सो सकते हैं|
इसके अलावा अगर हम खाने की व्यवस्था की बात करें, तो आप किसी भी होटल में बेझिझक खाना खा सकते हैं| क्योंकि यहां पर आपको किसी भी होटल में भोजन में लहसुन और प्याज नहीं मिलेगा|
मेहंदीपुर बालाजी अर्जी लगाने का तरीका
मेहंदीपुर बालाजी का दर्शन करने जो भी श्रद्धालु जाते हैं उन्हें सबसे पहले बालाजी मंदिर में अर्जी लगानी पड़ती है| क्योंकि ऐसा माना जाता है अर्जी लगाने से श्रद्धालु के ऊपर भूत प्रेत आदि का जो साया होता है, वह हट जाता है| मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में अर्जी आप सुबह 7:00 बजे के बाद और शाम को 3:00 बजे के बाद लगा सकते हैं|
इसके लिए आपको बालाजी मंदिर के आस पास बहुत से दुकानें मिल जाएंगी, जहां से आपको अर्जी का सामान ले लेना है| अर्जी के सामान के अंतर्गत आपको एक नारियल, अगरबत्ती, मिश्री, आदि चीजें दी जाती हैं| जिसकी कीमत ₹100 होती है| अर्जी का सामान दुकान से लेने के बाद आपको बालाजी मंदिर धाम में प्रवेश करना है, गेट पर ही आपसे मंदिर सहायक कर्मियों द्वारा अर्जी का सामान ले लिया जाता है|
इसके बाद आपको मेहंदी बालाजी के दर्शन करने को मिलते हैं, मेहंदी बालाजी का दर्शन करने का समय बहुत कम होता है, इसीलिए एक झलक बालाजी का दर्शन करें दान पेटी में अपनी इच्छा अनुसार दान करें और तुरंत आगे बढ़ जाए| Mehandipur Balaji Mandir में प्रवेश करने से लेकर बाहर निकलने तक आपको कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखना है|
जब आप बालाजी का दर्शन करने के बाद दूसरे गेट से बाहर निकले, तो आपको फिर से मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के मेन गेट पर आ जाना है| और वहीं पर गेट पकड़ कर बैठ जाना है| आंख बंद करके हाथ जोड़कर प्रभु हनुमान जी से अपनी अर्जी लगानी है| यहां पर आपको बहुत से ऐसे लोग मिल जाएंगे जो भूत प्रेत बाधा से परेशान होकर चिल्लाते चीखते रहते हैं| और बहुत से लोग गेट को पकड़कर चिल्ला चिल्ला कर अपनी अर्जी लगाते हैं|
इसके बाद शाम को 7:00 बजे मेहंदी बालाजी मंदिर के ठीक सामने राम जानकी मंदिर में नगाड़ा, मजीरा के साथ बहुत ही मधुर धुन में राम जानकी की आरती होती है| इसके बाद Mehandipur Balaji महाराज की आरती होती है| इसके बाद राम जानकी मंदिर में श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया जाता है, प्रसाद लेने के बाद आप अपने रूम पर आ सकते हैं|
मेहंदीपुर बालाजी के दर्शन कैसे करें?
वैसे मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में अर्जी लगाना भी बालाजी का दर्शन करना ही हुआ, लेकिन जब आप सुबह मेहंदीपुर बालाजी का दर्शन करने जाते हैं तो दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की काफी लंबी लाइन लगती है| इसलिए जब भी आप सुबह के टाइम मेहंदीपुर बालाजी का दर्शन करने जाएं तो जल्दी जाने की कोशिश करें ताकि आपका नंबर जल्दी आ जाए| मेहंदीपुर बालाजी का दर्शन करने के लिए गेट 7:00 बजे खुल जाता हैI
इसके बाद लाइन में लगे सभी श्रद्धालु हाथ में लड्डू लेकर बालाजी महाराज का दर्शन करने के लिए धीरे धीरे एक कतार में आगे बढ़ते हैं| बालाजी महाराज का दर्शन करने के बाद दान पेटी में कुछ रुपए डालने के बाद दूसरी मंजिल पर चले जाना हैं, वहां पर भी भैरव काल का दर्शन करने के बाद दूसरी गेट से बाहर निकल आना हैं|
Mehandipur Balaji Mandir का दर्शन करने के बाद आसपास आपको और भी देवी-देवताओं जैसे काली माता, काल भैरव, आदि का मंदिर भी मिल जाता है| जहां पर आप को दर्शन करना चाहिए| जब आप पहाड़ी पर काली माता का दर्शन करने जाएं, तो ₹120 का नींबू और नारियल, चुनरी लेकर अपने ऊपर बाधा को पुरोहित के द्वारा कटवा सकते हैं|
ऐसा माना जाता है कि मेहंदीपुर बालाजी का दर्शन करने के दौरान आप जितना प्रसाद चढ़ाते हैं उस प्रसाद को घर नहीं ला सकते हैं| वह प्रसाद वहीं पर खाकर खत्म करना होता है, और जो व्यक्ति जितना प्रसाद चढ़ाया है उसे ही वह प्रसाद खाना पड़ता है|
Mehandipur Balaji Mandir के आसपास घूमने वाली जगह
अगर आप अपनी मनोकामना लेकर मेहंदीपुर बालाजी मंदिर जाने की सोच रहे हैं| तो भगवान बालाजी महाराज का दर्शन करने की साथ साथ मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के आसपास इन जगहों पर जरूर जाएं| जहां पर आपको बेहद शांति और आनंद का अनुभव होगा|
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के आसपास कई मंदिर है जहां पर आप को दर्शन करने अवश्य जाना चाहिए| जैसे : अंजली माता मंदिर, तीन पहाड़ पर स्थित काली माता जी का मंदिर, गणेश जी का मंदिर जो कि सात पहाड़ पर स्थित है, पंचमुखी हनुमान जी का मंदिर | इसके अलावा यहीं पर आपको समाधि वाले बाबा का स्थान मिल जाएगा, जहां पर लोग दर्शन करने जाते हैं| क्योंकि Mehandipur Balaji Mandir के सबसे पहले महंत बाबा की समाधि है|
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर आने के बाद आपको इस प्रकार तस्वीर में दिखाई दे रहे काफी विशाल काय हनुमान जी का मूर्ति देखने को मिल जाएगा| जहां पर आप को सुरसा डायन, राम सीता, इसके अलावा अन्य देवी देवताओं की मूर्ति देखने को मिल सकती है|
हनुमान जी का बना हुआ यह मूर्ति काफी विशालकाय है| आप इस तस्वीर को देखकर समझ सकते हैं, कि हर व्यक्ति हनुमान जी की मूर्ति के सामने कितना छोटा छोटा दिख रहा है| इसलिए जब भी आप मेहंदीपुर बालाजी जाएं तो इस स्थान पर बना विशालकाय हनुमान जी की मूर्ति देखने जरूर जाएं|
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर से वापस आते समय जरूरी बातें
Mehandipur Balaji Mandir मंदिर से वापस लौटते समय आपको नीचे दी गई निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए| नहीं तो आपका मेहंदीपुर बालाजी महाराज का दर्शन करना व्यर्थ चला जाएगा|
मेहंदीपुर बालाजी महाराज का दर्शन करते समय कभी भी पीछे मुड़कर ना देखें, बस दर्शन करते हुए आगे निकलते चले जाए|
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के आसपास किसी भी व्यक्ति से कोई बात नहीं करनी चाहिए और ना ही किसी वस्तु को छूना चाहिए|
मेंहदीपुर बालाजी महाराज का दर्शन करने के बाद घर आते समय वहां से प्रसाद नहीं लाना चाहिए| इसके अलावा वहां से और कोई खाने वाला सामान नहीं लाना चाहिए|
बल्कि अगर आपके पास खाने का सामान है तो उसे रास्ते में ही फेंक देना चाहिए और खाली झोली अपने घर आना चाहिए|
घर आने के बाद आप को 11 दिन या 21 दिन लगातार रोजाना हनुमान जी की पूजा (हनुमान चालीसा और आरती) करनी है| इसके अलावा गाय के घी से ज्योति जलानी है|
मेहंदीपुर बालाजी का दर्शन करने के बाद जब आप घर आए तो आपको लगातार 40 दिन तक लहसुन, प्याज, शराब, मांसाहारी भोजन से दूर रहना है|
Mehandipur Balaji Mandir (FAQ)
1.मेहंदीपुर बालाजी की अर्जी कैसे लगाई जाती है?
मेंहदीपुर बालाजी महाराज की अर्जी लगाने की प्रक्रिया इस आर्टिकल में ऊपर दिया गया है जिससे आप पढ़ सकते हैं|
2.Mehandipur Balaji Mandir के लिए कौन सा स्टेशन है?
अगर आप मेहंदीपुर बालाजी महाराज का दर्शन करने ट्रेन के द्वारा जा रहे है| तो सबसे नजदीकी स्टेशन बांदीकुई रेलवे स्टेशन (राजस्थान) हैं | यहां से मेहंदीपुर बालाजी मंदिर की दूरी 36 किलोमीटर है| बांदीकुई रेलवे स्टेशन से टैक्सी बुक करके आप बड़ी आसानी से जा सकते हैं|
3.मेंहदीपुर बालाजी कौन से राज्य में पड़ता है?
Mehandipur Balaji Mandir मंदिर राजस्थान के जिला दौसा, तहसील सिकराय, गांव मेहंदीपुर में पड़ता है|
4.बांदीकुई रेलवे स्टेशन से बालाजी कितनी दूर है?
बांदीकुई रेलवे स्टेशन से बालाजी मंदिर की दूरी 36 किलोमीटर है|
5.दिल्ली से मेहंदीपुर बालाजी कितने घंटे का रास्ता है?
दिल्ली से मेहंदीपुर बालाजी मंदिर जाने का लगभग 4 घंटे 58 मिनट का रास्ता है|
6.बालाजी जाने से क्या फायदा होता है?
मेंहदीपुर बालाजी मंदिर जाने से ऐसा माना जाता है, जो भी भूत प्रेत ऊपरी बाधाएं होती है वह खत्म हो जाती है|
7.बालाजी से आने के बाद क्या करें?
Mehandipur Balaji Mandir मंदिर से आने के बाद 41 दिन तक सात्विक आहार लेना चाहिए| यानी आपको 41 दिन तक लहसुन प्याज से बने भोजन का त्याग करना पड़ेगा| इसके अलावा मांसाहारी भोजन और शराब से दूर रहना पड़ेगा|
8.जयपुर से मेहंदीपुर बालाजी कितना किलोमीटर पड़ता है?
जयपुर से मेहंदीपुर बालाजी की दूरी 299 किलोमीटर है|
9.मेहंदीपुर बालाजी के परहेज क्या है?
अगर अब मेहंदीपुर बालाजी का दर्शन करने जाने की सोच रहे है, तो जाने से 10 दिन पहले से आपको लहसुन, प्याज, मांस, शराब खाना छोड़ देना होगा| इसके बाद जब आप मेहंदीपुर बालाजी का दर्शन करके घर वापस आते हैं, तो 41 दिन तक आपको लहसुन, प्याज, मांस-मदिरा का परहेज करना होगा| 41 दिन के बाद पंडित को बुलाकर हवन कराएं, इसके बाद लहसुन प्याज मांस मदिरा खा सकते हैं|
10.मेहंदीपुर बालाजी का मेला कब लगता है?
होली के अवसर पर प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु मेहंदीपुर बालाजी का दर्शन करने जाते हैं, इसलिए प्रतिवर्ष होली के दिन मेहंदीपुर बालाजी का मेला लगता है|
निष्कर्ष
दोस्तों इस आर्टिकल में हमने Mehandipur Balaji Mandir के बारे में पूरी जानकारी विस्तार से बताई हैं| लेकिन फिर भी अगर आपके मन में मेहंदीपुर बालाजी मंदिर से संबंधित कोई सवाल है, तो आप कमेंट करके पूछ सकते हैं| मैं आपको एक बार फिर कहना चाहता हूं, अगर आपके घर में कोई भी व्यक्ति भूत, प्रेत जैसे बाधाओं से परेशान हैं| तो उसे एक बार जरूर मेहंदीपुर बालाजी महाराज का दर्शन कर लेना चाहिए|
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