नैना देवी मंदिर देशभर में इतना खास,चलिए जानते है सम्पूर्ण जानकारी
नैना देवी मंदिर
इस मंदिर को प्रसिद्ध शक्तिपीठ के रूप में जाना जाता है, आपको बता दें, यहां माता सती की आंखें गिरी थीं, जिस वजह से ये मंदिर नैना देवी मंदिर के नाम से मशहूर है। चलिए आप भी जानिए इस मंदिर की कुछ दिलचस्प बातें।
माता नैना देवी का मंदिर(Naina Devi Mandir) हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में शिवालिक की पहाड़ियों के बीच स्तिथ है | हिन्दू धर्म में इस मंदिर को काफी भव्य और चमत्कारी माना जाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यहाँ से कोई भी खाली हाथ नहीं लौटा | धर्म ग्रंथो के अनुसार जब महाराजा दक्ष ने हवन करा था तो माता सती बिना बुलाए अपने पिता के घर पहुँच गई , भगवान शिव को अपना आराध्य मानने के कारण महाराज दक्ष ने उनकी बहुत आलोचना की और अपमानित भी किया और माता सती वही पर अग्नि को समर्पित हो गयी और भगवान् शिव उनकी शरीर को लेकर कई सालों तक भटकते रहे लेकिन भगवान् नारायण से यह देखा नहीं गया और उन्होंने अपने चक्र से माता सती के शरीर के 51 टुकड़े कर दिए , और माता सती का जो भाग जहाँ पर गिरा वो शक्तिपीठ बन गया | नैना देवी में माता सती के नेत्र गिरे थे जिस वजह से इसका नाम नैना देवी पड़ा | और मंदिर में दो नेत्र नैना देवी माता को दर्शाते हैं |
यह मंदिर धार्मिक दृष्टि से नहीं बल्कि भौगोलिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है यहाँ पर साल भर भक्तों का आना जाना लगा रहता है लेकिन नवरात्रे के दिनों में यहाँ लोगो की जबरदस्त भीड़ देखने को मिलती है क्योंकि यहाँ पर नवरात्रे बड़ी धूम धाम से मनाए जाते हैं | मंदिर के अंदर माता नैना देवी के साथ श्री गणेश और माँ काली की मूर्तियाँ हैं |
नैना देवी मंदिर का इतिहास -
कुषाण काल में भी नैनी देवी मंदिर के बारे में लिखा हुआ है। 15वीं ईस्वी में निर्मित, नैना देवी मंदिर की मूर्ति एक भक्त मोती राम शाह द्वारा 1842 में स्थापित की गई थी। 1880 में भारी भूस्खलन के बाद, नैना देवी मंदिर पूरी तरह से नष्ट हो गया था। लेकिन स्थानीय लोगों की गहरी आस्था की वजह से 1883 में इस मंदिर का फिर से निर्माण किया गया।
नैना देवी मंदिर के दर्शन कैसे करें |
अगर आप माता सती के नैना देवी के दर्शन करना चाहते हैं तो हम आपको बता रहे हैं कि आप नैना देवी के दर्शन कैसे कर सकते हैं और आपको नैना देवी मंदिर में क्या ख़ास देखने को मिल सकता है |
हिन्दू धर्म में शक्तिपीठ की बहुत मान्यता है और उनमें से एक है नैना देवी मंदिर (Naina Devi Mandir) , जो कि हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में स्तिथ है | यहाँ पर नवरात्रे का त्योहार बड़ी ही धूम धाम से मनाया जाता है | मंदिर के प्रवेश द्वार पर आपको पीपल का एक बड़ा और घना पेड़ देखने को मिलता है | और मंदिर में प्रवेश करते ही आपको नैना देवी के साथ श्री गणेश और माँ काली की मूर्ति भी लगी हुई है |
नैना देवी मंदिर एक पहाड़ी पर स्तिथ एक पवित्र धाम है यहाँ पर जाने के लिए आपको घुमावदार सड़क से होकर जाना पड़ता है और अगर आप पैदल यात्रा नहीं कर सकते तो उड़नखटोले की भी व्यवस्था यहाँ पर की गई है | जिससे आप 5 मिनट में जा सकते हैं | आप नैना देवी के दर्शन सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक कर सकते हैं | नवरात्रे के दिनों में यहाँ विशाल मेले का आयोजन किया जाता है और मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए रोप एवं पालकी का इंतजाम किया जाता है ताकि सभी भक्त आसानी से माता के दर्शन कर सकें |
नैना देवी मंदिर कैसे पहुँचे ?
अगर आपको माता नैना देवी का दर्शन करने का मन है तो आपको यह भी जरूर पता होना चाहिए कि हम नैना देवी मंदिर कैसे पहुँच सकते है | और जो भी मार्ग आपको सुविधाजनक लगे उससे आप अपनी यात्रा मनोरंजक बना सकते हैं |
वायु मार्ग :अगर आप हवाई मार्ग से जाना चाहते हैं तो आपको चंडीगढ़ एयरपोर्ट तक ही यात्रा तय करनी होगी और उसके बाद मंदिर तक पहुँचने के लिए आप बस या कार की मदद ले सकते हैं |
रेल मार्ग :रेल मार्ग से आप पालमपुर , चडीगढ़ या फिर आनंदपुर साहिब तक की यात्रा कर सकते हैं क्योंकि चंडीगढ़ नेशनल हाइवे से जुड़ा हुआ है | और उसके बाद बस या फिर टैक्सी के माध्यम से नैना देवी मंदिर (Naina Devi Mandir) तक पहुँच सकते हैं | आनंदपुर साहिब से नैना देवी मंदिर (Naina Devi Mandir) 25 किलोमीटर की दुरी पर स्तिथ है |
सड़क मार्ग : सड़क मार्ग से आप बस और अपने वाहन से जा सकते हैं , दिल्ली से नैना देवी की कुल दुरी 350 KM है रास्ते एकदम पक्के हैं और सभी सुविधाओं से युक्त है |
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