उज्जैन के महाकाल दर्शन करने जाना चाहते हैं। तो चलिए जानते है कैसे जाना है और कब जाना चाहिए ।
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग
12 ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महाकाल लोक का लोकार्पण किया था। महाकाल लोक से होता हुआ महाकाल मंदिर का रास्ता बनाया गया है। पहले मंदिर का प्रवेश द्वार मंदिर के सामने से था। महाकाल लोक बनने से अब लोग महाकाल लोक होते हुए मंदिर में प्रवेश करते हैं। लगभग 1 किलोमीटर लंबे बने महाकाल लोक में भगवान शंकर की कई ऐसी मूर्तियां हैं, जो उनकी गाथा पर आधारित हैं।
उज्जैन में
शिप्रा नदी किनारे बसा शहर उज्जैन, जिसे बाबा महाकाल की नगरी कहा जाता है। यहां सम्राट विक्रमादित्य भी हुए हैं। महाकवि कालिदास ने भी शिप्रा तट उज्जैन में ही कई साहित्य की रचनाएं की। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से 180 किलोमीटर दूर और महानगर इंदौर से 60 किलोमीटर दूर बसा है उज्जैन। स्कन्दपुराण के अवंति खंड में उज्जैन का विस्तृत वर्णन है। इसके अलावा अन्य कई पुराणों में उज्जैन का जिक्र किया गया है। वर्तमान में यह नगरी उज्जैन नाम से प्रसिद्ध है, परंतु विभिन्न कालखंड में यह अवंति, विशाला, पुष्पकरंडिनी, पद्मावती, कुमुद्वती, कनकशृंगा, कुशस्थली, अमरावती, हिरण्यवती, उज्जयिनी, भोगवती व प्रत्येक कल्प में अवस्थित होने के कारण प्रतिकल्पा के नाम से भी जानी गई। यहां सप्त सागर आज भी विद्यमान हैं। सप्तपुरिया में उज्जैन की गिनती होती है।
मंदिर खुलने व आरती का समय
मंदिर खुलने का समय- तड़के 2:30 बजे
भस्म आरती- प्रात: 4.30 बजे
दत्तोतक आरती- प्रात: 7.30 बजे
भोग आरती- प्रात: 11.00 बजे
सांध्य आरती- सायं 7.00 बजे
शयन आरती- रात्रि 10.30 बजे
महाकाल मंदिर जाने के लिए मार्ग
फेसिलिटी नंबर 1 महाकाल कार्यालय के सामने, त्रिवेणी गेट, भारत माता मंदिर से, बड़ा गणेश। मंदिर में जाने के लिए मान सरोवर गेट।
भस्मआरती में शामिल होने के लिए
यदि आप उज्जैन में महाकाल मंदिर दर्शनों के लिए आए हैं तो भस्मारती में शामिल हो सकते हैं। प्रतिदिन प्रात: 4.30 बजे आरती होती है। दो प्रकार से इस आरती में आप शामिल हो सकते हो। चलित भस्मआरती और वहां बैठक व्यवस्था के अनुसार। चलित भस्म आरती के लिए लोग रात को 2 बजे से ही लाइन लगाना शुरू कर देते हैं।
कई बार यह लाइन रात को 12 बजे से ही लगना शुरू हो जाती है, लेकिन प्रवेश तभी मिलता है जब भस्मारती शुरू हो जाती है। इसमें भस्मारती के आप चलते हुए दर्शन कर सकते हैं। इसके अलावा वीआईपी व्यवस्था भी है जिसका शुल्क 200 रुपये है। भस्मारती बुकिंग आनलाइन भी कर सकते हैं। महाकाल मंदिर में पूजा के लिए भी अलग-अलग दर तय की हुई है। यहां बने विभिन्न काउंटरों पर आप पूजा, अभिषेक की दर देख सकते हैं और रसीद कटवाकर पूजन अभिषेक कर सकते हैं।
महाकाल भोग प्रसाद
महाकाल मंदिर में बने विभिन्न काउंटरों से आप महाकाल का प्रसाद प्राप्त कर सकते हैं। सूखे मेवे से बने प्रसाद पैकेट में उपलब्ध रहते हैं, जो अलग-अलग वजन के होते हैं। 50 रुपये में 100 गा्रम, 100 रुपये में 250 ग्राम व 200 रुपये में आधा किलो का पैकेट यहां उपलब्ध रहता है।
उज्जैन कैसे जाएं
उज्जैन जाने के लिए देश के विभिन्न शहरों से ट्रेन सुविधा उपलब्ध है। यदि आप विमान यात्रा करके उज्जैन जाना चाहते हैं तो निकट ही इंदौर में एयरपोर्ट पर आपको उतरना पड़ेगा। यहां से टैक्सी करके आप उज्जैन के लिए जा सकते हैं। इसके अलावा सड़क मार्ग से भी इंदौर रोड, देवास रोड, बड़नगर रोड, नागदा रोड, मक्सी रोड, आगर रोड से अलग-अलग शहरों से उज्जैन में प्रवेश किया जा सकता है।
महाकाल लोक जाने के लिए
महाकाल लोक प्रात: 6 बजे खुलता है और रात को 10 बजे बंद होता है। यदि आप अपने चारपहिया वाहन से महाकाल लोक देखने आए हैं तो महाकाल लोक के पास ही वाहन पार्किंग बनाई गई है। यहां आप अपने वाहन को पार्क कर सकते हैं। वाहन पार्क करने के बाद सामने ही आपको महाकाल लोक के लिए प्रवेश द्वार मिलेगा। यहां से प्रवेश करने के बाद आपको त्रिवेणी संग्रहालय भी यहीं मिलेगा, जहां उज्जैन व आसपास से मिले पुरावशेष देख सकते हैं।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें