श्रीमद् भगवद् गीता का रहस्य क्या है? भगवद् गीता का सार क्या है?
*भगवद गीता का सार** संपूर्ण जीवन के मार्गदर्शन और आत्मज्ञान पर आधारित है। इसमें श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जीवन के रहस्यों, धर्म और कर्म का ज्ञान दिया। इसका मुख्य उद्देश्य मानव को सही जीवन मार्ग पर चलने की प्रेरणा देना है। गीता के सार को निम्नलिखित बिंदुओं में समझा जा सकता है:
### 1. **कर्मयोग**:
- **कर्म करना हमारा धर्म है**: गीता का सबसे महत्वपूर्ण संदेश है कि मनुष्य को अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए और परिणाम की चिंता नहीं करनी चाहिए।
- *"कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन"*
(कर्म पर तुम्हारा अधिकार है, लेकिन उसके फल पर नहीं।)
### 2. **आत्मा अमर है**:
- **शरीर नश्वर है, आत्मा अमर**: शरीर नष्ट होता है, लेकिन आत्मा अजर और अमर है। आत्मा का न जन्म है और न मृत्यु।
- *"न जायते म्रियते वा कदाचिन्"*
(आत्मा का न जन्म होता है, न मृत्यु।)
### 3. **भक्ति योग**:
- **ईश्वर में पूर्ण समर्पण**: भगवान श्रीकृष्ण ने कहा कि सब धर्मों को छोड़कर मेरी शरण में आओ, मैं तुम्हें सारे पापों से मुक्त कर दूँगा।
- *"सर्व धर्मान् परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज"*
(सब धर्मों को छोड़कर मेरी शरण में आओ।)
### 4. **समभाव**:
- **सुख-दुःख, लाभ-हानि, जय-पराजय में सम रहो**: गीता सिखाती है कि हमें सभी परिस्थितियों में समभाव रखना चाहिए। न सुख में अधिक हर्षित होना चाहिए, न दुःख में परेशान।
- *"समः शत्रौ च मित्रे च तथा मानापमानयोः"*
(शत्रु और मित्र, मान और अपमान में समान भाव रखना चाहिए।)
### 5. **धर्म का पालन**:
- **धर्म के लिए संघर्ष**: गीता में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को बताया कि अधर्म के विरुद्ध लड़ना धर्म का हिस्सा है। हमें अपने धर्म के लिए अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए, भले ही वह कितना भी कठिन क्यों न हो।
### 6. **ज्ञानयोग**:
- **सच्चा ज्ञान आत्मा का ज्ञान है**: गीता में बताया गया है कि आत्मा का साक्षात्कार ही सच्चा ज्ञान है। इस आत्म-ज्ञान से मुक्ति मिलती है।
### 7. **निःस्वार्थ कर्म**:
- **फल की इच्छा छोड़कर निःस्वार्थ भाव से कर्म करो**: गीता में बताया गया है कि हमें अपने कर्मों को भगवान को अर्पित करते हुए, बिना किसी स्वार्थ के कार्य करना चाहिए।
### 8. **माया और ब्रह्म**:
- **माया से ऊपर उठकर ब्रह्म का साक्षात्कार**: गीता में बताया गया है कि इस संसार में सबकुछ माया है, और हमें इस माया से ऊपर उठकर ब्रह्म (परमात्मा) का साक्षात्कार करना चाहिए।
### निष्कर्ष:
भगवद गीता जीवन जीने की एक सर्वोत्तम मार्गदर्शिका है। इसका मूल संदेश है कि मनुष्य को अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए, भगवान पर पूर्ण विश्वास रखना चाहिए, आत्मा की अमरता को समझना चाहिए और समभाव से जीवन जीना चाहिए।
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